Sneha Kalpanā’s Mentioned in Caraka Samhitha cikitsā Sthana
Chapter Name | Yoga Name | Yoga Number |
रसायन अध्याय | आमलक घृत भल्लातकतैल भल्लातकसर्पि | 4-6 15 15 |
वाजिकरण अध्याय 1ST part 2ND part 3RD part 4TH part |
वाजिकरण घृत वृष्य घृत वृष्यशतावरी घृत अपथ्यकर घृत |
33-38 21-33 18 28-29 |
ज्वरचिकित्सा | अगुर्वाद्य तैलं चन्दनादि तैलं | 267-271 258-259 |
रक्तपित्तचिकित्सा | वासा घृत शतावरी घृत | 88-94 95-109 |
गुल्मचिकित्सा | त्रयूषणादि तैलं हिङगु-सौवर्चलादि तैलं हपुसाद्य घृत पिप्पल्याद्य घृत नित्यानन्द घृत रोहिण्याद्य घृत त्रयमाणाद्य घृत भल्लातकाद्य घृत आमलकाद्य घृत द्राक्षाद्य घृत वासा घृत दशमूलि घृत क्षीरषट्पल घृत मिस्रक स्नेहं | 66-68 69-70 71-73 106-109 115-117 118-121 143-146 122 123-125 126-127 142 147-148
149-151 |
प्रमेहचिकित्सा | —– | —– |
कुष्ठचिकित्सा | श्वेतकरवीरदीदि तैलं श्वेतकरवीरादिपाल्लवाद्य तैलं तिक्तकेस्वादि तैलं कनकक्षीरि तैलं विपादिकहरा घृत and तैलं तिक्तल घृत महातिक्तक घृत महाखदिर घृत | 105 106-107 108-110 111-116 120-121 140-143 144- 151 152-156 |
राजयक्ष्मचिकित्सा | दूरलभादि घृत जीवन्त्यादि घृत | 106-110 111-113 |
उन्मादचिकित्सा | हिङगुवाद्य घृत कल्यानक घृत महाकल्यानक घृत महापैशैचिकक घृत लसुनाद्य घृत लसुनाद्य घृत(2) | 34 35-42 42-44 45-48 49-51 52-56 |
अपस्मारचिकित्सा | पञ्चगव्य घृत महापञ्चगव्य घृत ब्राह्मी घृत वाचाद्य घृत कतब्यदि घृत पालन्कश्याद्य तैलं | 17 18-24 25 27 33 34-36 |
क्षतक्षीणोचिकित्सा | यष्टियाह्वादिदि घृत कोलदि घृत अमृताप्रस घृत स्वदंष्ट्रादिदि घृत संस्कृत घृत | 27-34
35-43 44-47 48-49 |
श्वयथुचिकित्सा | चित्रकादि घृत | 55-56 |
उदरचिकित्सा | पञ्चकोल घृत नागर घृत चित्रकः घृत यवाद्य घृत | 112-114 115-116 116-117 117-118 |
अर्शचिकित्सा | पिप्पल्यादि घृत चव्यदि घृत नागराद्य घृत पिप्पल्याद्य घृत पिप्पल्यादितैल | 103 107-109 110-112 104 131-134 |
ग्रहणिदोषचिकित्सा | दशमूलाद्य घृत त्रयूषणाद्य घृत पञ्चमूलाद्य घृत चन्दनाद्य घृत तिक्तकः घृत क्षार घृत | 82-86 87 88-93 125-127 128 171-172 |
पाण्डुरोगचिकित्सा | दाडिमाद्य घृत कटुकाद्य घृत पथ्य घृत दन्ति घृत द्राक्ष घृत हरिद्रादि घृत व्योषादि घृत | 44-46 47-49 50 51 52 53 191-121 |
हिक्कचिकित्सा | दशमूलाद्य घृत तेजोवत्यादि घृत मनःशीलादि घृत | 140-141 141-144 145-146 |
कासचिकित्सा | कण्ठकारि घृत पिप्पल्यादि घृत त्रयूषणादि घृत कुलत्थादि घृत गुडूच्यादि घृत रास्ना घृत दशमूलदि घृत कण्ठकारि घृत द्वि-पञ्चमूलदि घृत | 35 36-38 39-42 129 161-162 43-46 123-124 125-128 158-173 |
अतिसारचिकित्सा | चाङ्गेरि घृत चव्यदि घृत दार्वाद्य घृत | 43 44 80-81 |
छर्दिचिकित्सा | —– | —- |
विषर्प चिकित्सा | दूर्वा घृत | 96-97 |
तृष्णचिकित्सा | —- | —- |
विषचिकित्सा | अमृता घृत | 242-249 |
मदत्यायचिकित्सा | —- | —- |
द्विवर्णियचिकित्सा | —- | —- |
त्रिमर्मियचिकित्सा | स्थिरादि घृत रास्नादि घृत बलाद्य घृत हिंगवादि घृत गन्ध तैलं महानील तैलं मयूर घृत महामयूर घृत खदिरादि घृत देवदार्वादि तैलं क्षार तैलं प्रपुण्डरिक्यादि तैलं | 23 160 161-162 222-223 224-225 268-276 163-165 166-174 206-214 223-224 226-229 267-278 |
उरुस्तम्भचिकित्सा | पीलुपर्णियाद्य तैलं कुष्ठाद्य तैलं सैनधवाद्य तैलं अष्ठवर्ग तैलं | 41-42 43-44 45-50 47 |
वातव्याधिचिकित्सा | महास्नेह निर्गुण्डि तैलं मूलक तैलं सहचर तैलं रास्ना तैलं वृषमूलदि तैलं स्वदंष्ट्रादि तैलं बला तैलं अमृताद्य तैलं मूलकाद्य तैलं मूलक तैलं अगुर्वाद्य तैलं | 129-134 134-135 136-138 142-146 165-166 170-171 146-148 148-157 157-164 167-169 172-175 179-180 |
वातशोणितचिकित्सा | स्रावन्यादि तैलं बला घृत पारुषक घृत जीवनिय घृत महापद्म तैलं मधुक तैलं सहस्रपाकबला तैलं पिण्ड तैलं स्थिराद्य घृत & तैल मधुपर्णियाद्य तैलं सुकुमार तैलं अमृताद्य तैलं खुद्दक-पद्मक तैलं शतपाकमधुक तैलं शतपाकबला तैलं | 55 56-57 58-60 61-70 110-113 115-116 119 123 76-78 91-95 96-102 103-109 114-115 117-118 120 |
योनिचिकित्सा | बला घृत काश्मर्यादि घृत सैन्धवादि तैलं गुडूच्यादि तैलं बृहत्शतावरी घृत उदुम्भरादि घृत धातक्यादि तैलं | 49-52 52-54 58-59 59-61 64-69 73-77 78-82 |
Sneha kalpanā’s narrated in suśruta samhita
CHAPTER NAME | YOGAS NAME | SLOKA NUMBER |
1. ज्वर | लाक्षादितैलं महालाक्षादितैलं | 144-148 152-158 |
2.अतिसारः | विल्वतैलं | 112-114 |
3.अतिसारः associated with ज्वर | —- |
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4.ग्रहणि | —- |
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5. अर्शस् | ब्रृहत्कशिशादितैलं | 60-62 |
6.जठराग्निविकारः | —- |
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7.कृमिरोग | —- |
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8.पाण्डु, कामला, हलिमक | अमृतादिघृतं | 47-48 |
9.रक्तपित्त | दुर्वादिघृतं | 32-36 |
10.अम्लपित्त, श्लेष्मपित्त | —- |
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11.क्षयरोग | लाक्षादितैलं द्राक्षादिघृतं | 55-57 68-71 |
12.कास | —- |
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13.हिक्क | —- |
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14.श्वास | —- |
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15.श्वर | —- |
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16.अरोचक | —- |
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17.छर्दि | —- |
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19. मूर्छा | —- |
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20.मदत्य | —- |
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21. दाह | काञ्चिकतैलं | 18 |
22.उन्माद | महाचैतसघृतं | 52-61 |
23.अपस्मार | ब्रह्मिघृतं कूष्माण्डघृतं | 18 19 |
24.वातव्याधि | प्रसारण्यादितैलं सारस्वातघृतं माषादितैलं माषतैलं महाबलतैलं महामाषादितैलं नारायणतैलं महानारायणतैलं | 32-42 46-47 88-89 84-85 171-180 265-272 281-290 291-326 |
25. उरुष्तम्भ | कुष्ठादितैलं अष्ठकट्वरतैलं द्विपञ्चमूलादितैलं महासैन्धवादितैलं सैन्धवादितैलं | 34-35 36-37 38-46 47-49 50-51 |
26.आमवात | शुण्ठिधान्यकघृतं शुण्ठिघृतं काञ्चिकाद्यंघृतं शृङगवेरादिघृतं प्रसारण्यादितैलं बृहत्सैन्धवादितैलं | 78-79 82-83 84-86 86-90 113-115 116-121 |
27.पित्तव्याधि | —- |
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28.श्सेष्मव्याधि | —- |
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29.वातरक्त | बलघृतं अपरपिण्डतैलं परुषकघृतं शतवारिघृतं ऋषभकघृतं गुडूचिघृतं महागुडूचिघृतं शतवारितैलं महापिण्डतैलं पिण्डतैलं महापद्मतैलं खुठकपद्मतैलं गुडूचितैलं अमृतादितैलं मृणालादितैलं धातुरादितैलं नागबलतैलं शतपाकबलतैलं मधुकाद्यंतैलं शतपाकमधुकतैलं सहस्रपाकबलतैलं | 87-88 89 90-92 93 94 95 110-117 118 119-123 124 126-129 130-131 132-137 138-144 145-147 148 149-150 155-156 156-160 161-162 163-164 |
30.शूल | —- |
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31.उदावर्त | मूलकघृतं | 43-44 |
32.गुल्मः | —- |
|
33.प्लीह | —- |
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34.हृद्रोग
| अर्जुनघृतं बलायादिघृतं | 16 17 |
35.मूत्रकृच्छ्रम् | शतवारिघृतं त्रिकण्ठकादिघृतं | 21 22 |
36.मूत्राघातं | घृतं विदार्यादिघृतं | 42-46 47-66
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37.अश्मरी | त्रुण पञ्चमूलघृतं वरुणतैलं कुसादितैलं कुलत्थादिघृतं सरादिघृतं वरुणादिघृतं विरठादितैलं पुराणवातितैलं | 55-57 58 59-62 80-81 82 83-67 88-90 95-99 |
38.प्रेमेह | दाडिमादिघृतं गोक्षुरादिघृतं सिंहामृतघृतं धान्वन्तरघृतं अर्जुनतैलं and घृतं | 76-80 81-87 88-92 93-100 101-103 |
39. मेदोरोग | त्रिफलातैलं महासुगन्धितैलं | 58-68 61-84 |
40.कार्श्य | —- |
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41.उदर | लशूनतैलं नारचघृतं | 34-39 57-58 |
42.शेथ | मानकघृतं शुष्कमूलकतैलं | 36 37 |
43.वृद्धविरक्नादि | —- |
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44.गलगण्ड | चक्रमदतैलं गुञ्जतैलं व्योषादितैलं | 45-46 47 49 |
45.श्लिपाद | —- |
|
46.विद्रधि | —- |
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47.व्रणशेथ
48.भग्न
49.नाडिव्रण
50.भगन्दर
51.उपदंश
| जात्यादिघृतं जात्यादितैलं विपरीतमल्लतैलं सिक्तकादिघृतं पठोलादितैलं
गन्धतैलं
कुमभिकलितैलं कर्कूरतैलं भल्लादकादितैलं स्वराजिकादितैलं
Shalya topic
करञ्जादिघृतं भूनिम्बादिघृतं अग्रधूमादितैलं गोजिह्वादितैलं जम्बवादितैलं कोशतकादितैलं
| 88-89
90-95 96-97
106 107
35-46
18-25 26-27
28 29
38 39
42 42
43 47-48
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Sneha kalpanās mentioned in vaṅgasena samhita
Sl.No | DISEASE | FORMULATIONS |
1. | Vidradhi | Ghṛta: varuṇakādya ghṛta, karañja ghṛta Taila: priyaṅguvādi taila, dvipañcamūlī taila |
2. | Vraṇaśotha | Powder of barley and madhuyaṣṭi mixed with oil or ghee should be applied |
3 | Āgantuka vraṇa | Ghṛta: jātyādi ghṛta, tyktādya ghṛta Taila: Jatikadi taila, viparīta malla taila, kuthara taila, dūrvādya taila, nuland taila, Lamgadi taila, Paṭolī taila, Candanādya taila, Kampillaka taila |
4. | Bhagna | Gandha taila |
5. | Nāḍī Vraṇa | Ghṛta : śyāma ghṛta Taila :hiṃsrādyataila, svarjikādya taila, saindhavādi taila, kumbhikyādi taila, karpūrādya taila |
6. |
Bhagandhara | Viṣyandara taila Nisādya taila Karavīrādya taila |
7. | Upadaṃśa | Ghṛta : karañjādya ghṛta, bhūminimbadya ghṛta Taila : agāradhūmādya taila, jambavādi taila, kośātakī taila |
8. | Śūkadoṣa | Darvī taila |
9. | Kuṣṭha | Ghṛta : śrīvāsaghṛta, tiktasātaka ghṛta, pañcatiktaka ghṛta, guggulu pañcatiktaka ghṛta, mahātikata ghṛta, vajraka ghṛta, mahāvajraka ghṛta, mahākhadira ghṛta, somarāji ghṛta, nīlī ghṛta, mahāmūlī ghṛta Taila : dhattūra taila, bhrrsindhuradi taila, arka taila, meṣaśṛṅgyādi taila, vajraka taila, mahāvajraka taila, tṛṇataila, bṛhattṛṇa taila, marīcādya taila, viṣa taila, śvetakaravīrādya taila, gandharikyadya taila, snuhadi taila, mahānīlītaila, jyotiṣmatī taila. |
10. | Udarda, Śītapitta Koṭha | Mahātikta ghṛta |
11. | Amlapitta | Śatāvaryādi ghṛta Drākṣādi ghṛta |
12. | Viṣarpa | Gauravādi ghṛta Karañja taila |
13. |
Visphoṭa | Padmaka ghṛta Pañcatiktaka ghṛta Kāmpillaka taila |
14. | Snāyuka | Goghṛta for 3 days |
15. | Masūrikā | Darvī ghṛta |
16. | Kṣudra roga | Paṭolyādi ghṛta Taila: haridrādya taila, mañjiṣṭhādya taila, kanaka taila, kuṅkumādya taila, guñjādya taila, citraka taila, yaṣṭimadhukādya taila, ketakyādi taila, kāśmaryādi taila, mayūrapittādya taila, manaḥśilādi taila, upādikādi taila, unmatta taila, snuhyādya taila, māmsi taila, kicakadi taila, bhṛṅgarāja taila, nimbakuja taila, nilabindu taila, madhuka taila, prapauṇḍarīkādya taila, musakadi taila |
17. | Mukha Roga | Śītādi ghṛta Taila: vidāryādi taila, bakulādya taila, lākṣādya taila, yaṣṭi taila, sahacarādi taila, haridrādya taila, irimedādya taila |
18. | Karṇa roga | Dīpikā taila, śyonāka taila, pippalyādi taila, svarjika taila, bilva taila, jambvādya taila, catuṣparṇa taila, hiṅguvādi taila, devadārvādi taila, eraṇḍādi taila, sukara taila, mayūranalādya taila, apāmārga taila, kṣāra taila, viṣagarbha taila, pañcavalkala taila, kuṣṭayādya taila, śambūka taila |
19. | Nāsā roga | Vyāghrī taila, trikatukādi taila, śigru taila, pippali taila śuṇṭhī taila, dhavādya taila, bālavayadya taila, kasajanadya taila, mustakādi taila, kṣīra taila, gṛhadhūma taila, śigru taila, karavīrādi taila, vyoṣādi taila |
20. | Diseases of eye | Vrksadanyadi taila, patolyadi taila, bṛhacchasakādi taila, rasnāḍī taila, phalatrikādi taila, akira taila, |
21. | Diseases of Head | Mayūra ghṛta, mahā mayūra ghṛta, balādi ghṛta, ṣaḍbindu ghṛta Taila : haridrādi taila, ṣaḍbindu taila, śatāhvādya taila, jīvakādya taila, balādya taila, viḍaṅga taila, apāmārga taila |
22. | Treatment of diseases of women | Aśoka ghṛta, Pañcaphala ghṛta, śatāvarī ghṛta, vṛddha dāruka ghṛta, bhadrotkatadya ghṛta, alambuṣādya ghṛta, Śītakalyānaka ghṛta, Mudgādya ghṛta, Taila : śālmalī taila, kāśmarī taila, guḍūcīyādi taila, natadi taila, kāsīsādi taila, karavīrādi taila, karpūrādi taila |
23. | Diseases of Children | Aśvagandhādi ghṛta, Rasnādi ghṛta, Gauriyadya ghṛta, lākṣādi ghṛta, cāṅgerī ghṛta, pāṭādya ghṛta, soma ghṛta, aṣṭamaṅgala ghṛta, kumārakalyāṇaka ghṛta, khadirādi ghṛta, vacādya ghṛta, śyāmādi ghṛta, nāgarādya ghṛta, ksiravirayadi ghṛta, kākolyādi ghṛta Taila : vibhītakādya taila, lākṣādi taila, aṣṭamūtrataila |
24. | Viṣa roga adhikāra | Amṛtaghṛta, nāgadantyādi ghṛta, taṇḍulādya ghṛta, ajeya ghṛta, Mrtyu pasahara ghṛta, vṛṣādya ghṛta |
25. | Jalasadiyogadhika | ————— |
26. | Rasāyana adhikāra | Sārasvata ghṛta, guḍūcīyādi ghṛta, catuscyadi ghṛta, catuṣkuvalaya ghṛta, aṣṭāṅgamaṅgala ghṛta |
27. | Vājīkaraṇa | Bṛhata aśvagandhādi ghṛta, aśvagandhādi ghṛta, śatāvarī ghṛta, māṣa ghṛta, godhūmādi ghṛta |
Ghṛta yogas in Bhaiṣajya Ratnāvalī
घृत | Indications | Page No. |
क्षीरषट्पल घृत | प्लीहा, विषमज्वर, गुल्म | 55 |
दशमूल षट्पल घृत | ज्वर, कास, अग्निमान्द्य, पाण्डु, प्लीहा | 55 |
घ्रह्यघृत | प्लीहा, उदर | 137 |
पिप्पल्याद्य घृत | क्षय, श्वास, शिरशूल | 43 |
महारोहीतक घृत | यकृत, प्लीहा, अरुचि, कामला | 139 |
मुर्वाद्य घृत | विस्फोट, पाण्डु, शोथ, रक्तपित्त | 160 |
व्योपाद्य घृत | मृत्तिकाभक्षनजन्य विकार | 160 |
पुनर्नवाद्य घृत | कास, श्वास, ज्वर, दारुण शोथ | 170 |
माणक घृत | दारुण शोथ | 170 |
महाबिन्दु घृत | गुल्म, उदर, प्लीहा | 186 |
बृहन्नारच घृत | उदर, आमवात, गृध्रसी, उरुस्तम्भ | 186 |
वासा घृत | रक्तपित्त | 218 |
दुर्वाद्य घृत | रक्तस्राव | 218 |
सप्तप्रस्थ घृत | रक्तपित्त, उरक्षत, पित्तशूले, हृद्रोग | 219 |
षडङ्ग घृत | त्रिदोषज अतीसार | 263 |
विल्वगर्भ घृत | कुक्षिरोग, ग्रहणी, पाण्डु, कामला | 291 |
विल्वादि घृत | ग्रहणी, शोथ, अग्निमान्द्य, अरुचि | 291 |
मरिचादि घृत | ग्रहणी, आम, भगन्दर, विष्टम्भ, कास | 291 |
महाषट्पल घृत | कृमि, प्लीहा, उदर, अजीर्ण, कुष्ट | 292 |
चाङ्गेरी घृत | ग्रहणी, मूत्रकृच्छ्र, प्रवाहिक, गुदभ्रंश | 292, 822 |
त्रिफला घृत | कृमि | 318 |
त्रिफलाद्य घृत | कृमि, तिमिर | 319, 782 |
शतावरी घृत | अम्लपित्त, वातपित्त, रक्तपित्त, मूर्च्छा | 328 |
जीरकाद्य घृत | अम्लपित्त, मन्दाग्नि | 329 |
पटोलशुण्ठी घृत | कफरोग | 329 |
पिप्पली घृत | अम्लपित्त | 329, 351 |
नारायण घृत | असाध्य अम्लपित्त, दाह, छर्दि | 329 |
दधिक घृत | गुल्म, अर्श, प्लीहा, हृदयशूल | 348 |
बीजपूराद्य घृत | गुल्म, प्लीहा, वातशूल, यकृत्शूल | 351 |
नाराच घृत | वातगुल्म, उदावर्त, ग्रहणी | 372 |
हवुपाद्य घृत | वातगुल्म, श्वास, विट्बन्ध, अरुचि | 372 |
पञ्चपल घृत | वातगुल्म, योनीशूल, विषमज्वर | 373 |
त्रायमाण घृत | पित्तगुल्म, रक्तगुल्म, विसर्प, हृद्रोग, कामला | 373 |
धात्रीषट्पलक घृत | गुल्म | 373 |
सौरेश्वर घृत | वातजन्य श्लीपद, गण्डमाला, अर्बुद, ग्रहणीविकार, शोथ, अन्त्रवृद्धि | 385, 602 |
त्रिवृतादि घुत | प्रमेह, श्वास, कुष्ट, कामला, गलगण्ड | 387 |
बृहत् दन्ती घृत | अन्त्रवृद्धि, व्रणशोथ, भगन्दर, आमवात, वातरक्त | 387 |
अजापञ्चक घृत | यक्ष्मा, श्वास, कास | 392 |
जीवन्त्याद्य घृत | यक्ष्मा | 392 |
छागलाद्य घृत | पार्श्वशूल, यक्ष्मा, अरुचि, स्वरभेद | 392, 484 |
पाराशर घृत | यक्ष्मा, ज्वर | 393 |
कुट्कुमाद्य घृत | श्वास, क्षय, प्रमेह, यक्ष्मा | 393 |
कण्टकारी घृत | पञ्चविध कास, श्वास, अरुचि, शूल, ज्वर | 414, 894 |
शृङ्गीगुड घृत | श्वास, स्वरभङ्ग, अरुचि, रक्तपित्त | 430 |
हिस्राद्य घृत | श्वास, अरुचि, गुल्म, मलभेद | 434 |
तेजोवत्याद्य घृत | हिक्का, श्वास, ग्रहणी, हृद्रोग | 434 |
व्याघ्री घृत | स्वरभेद, कास | 437 |
ब्राह्मी घृत | कुष्ट, गुल्म, प्रमेह, कास | 438 |
वल्लभक घृत | हृल्लास, शूल, उदर, वातरोग | 445 |
श्वदंष्ट्राद्य घृत | हृद्रोग, मूत्रकृच्छ्र, प्रमेह, अर्श | 445 |
बलाद्य घृत | हृद्रोग, शूल, उरक्षत, रक्तपित्त | 445 |
अर्जुन घृत | हृद्रोग | 446 |
नकुलाद्य घृत | अपस्मार, उन्माद, पक्षाघात, आध्मान | 484 |
बहुच्छागलाद्य घृत | वातरोग, दीर्घायु | 485 |
अश्वगन्धाद्य घृत | वातव्याधि, वृष्यं | 487, 582 |
दशमूलाद्य घुत | वातवेदन | 487 |
शुण्ठी घृत | कटीशूल, आमशूल | 504 |
श्रुङ्गवेराद्य घृत | शूल, आमवात, विबन्ध | 505 |
काञ्जिकषट्पल घृत | आमवात, कटीशूल, ग्रहणी | 505 |
त्रिकण्ठकाद्य घृत | अश्मरी, मूत्रकृच्छ्र | 517 |
सुकुमारकुमार घृत | कटिस्तम्भ, वंक्षणशूल, मूत्रकृच्छ्र, गुल्म | 518 |
शतावर्यादि सर्पि | वातरक्त | 519, 626 |
धान्यगोक्षूर घृत | मूत्राघात, शुक्रदोष | 522 |
चित्रकाद्य घृत | रक्तदोष, योनिदोष, मूत्ररोग | 522 |
भद्रावह घृत | मूत्राघात, अश्मरी, प्रमेह | 523 |
विदारी घृत | शर्करा, अश्मरी, हृद्रोग, वातरक्त | 523 |
कुलत्थाद्य घृत | अश्मरी, मूत्राघात, मूत्रकृच्छ्र, मूत्रबद्ध | 527 |
पाषाणमेदाद्य घृत | वातज अश्मरी | 528 |
कुशाद्य घृत | पित्तज अश्मरी | 528 |
वरुणाद्य घृत | कफज अश्मरी | 528 |
वरुण घृत | शर्करा, अश्मरी, मूत्रकृच्छ्र | 529 |
पन्चारविन्द घृत | लिङ्गरोग | 533 |
अनन्ताद्य घृत | उपदंश, रक्तदोष | 533 |
भूनिम्बाद्य घृत | सर्वोपदंश | 533 |
करञ्जाद्य घृत | दाह -स्रावयुक्त उपदंश | 533 |
धान्वन्तर घृत | कुष्ट, गुल्म, प्रमेह वातरक्त, प्लीहोदर, अर्श, विद्रधि, पिडिका, अपस्मार उन्माद | 547 |
दाडिमाद्य घृत | प्रमेह, मूत्राघात, अश्मरी, मूत्रकृच्छ्र विबन्ध, आनाह, शूल, कामला | 547 |
बृहद्दाडिमाद्य घृत | वातज, पित्तज, कफज प्रमेह, हृदयशूल बस्तिशूल, मूत्राघात, हिक्का, कास, श्वास स्वरभङ्ग, यक्ष्मा, रक्तपित्त | 548 |
महादाडिमाद्य घृत | प्रमेह | 548 |
बृहद्धात्री घृत | तृष्णा, दाह, अरुचि, मूत्राघात, मूत्रकृच्छ्र, बहुमूत्र | 565 |
स्वल्पधात्री घृत |
| 565 |
Sneha kalpanā’s narrated in Aṣṭāṅga Hṛdaya
Ch. No. | CHAPTER | YOGA |
1 | ज्वरचिकित्सा | तृफलादिघृतं (अ.हृ.चि.1/89) पिप्पल्यादिघृतं (अ.हृ.चि.1/90-91) विडङगादिघृतं (अ.हृ.चि.1/93) |
| रक्तपित्तंचिकित्सा | वासाघृतं (अ.हृ .चि.2/42-44) पलाशघृतं (अ.हृ.चि.2/ 44-45) |
3 | कासचिकित्सा | गुडुच्यादि घृतं (अ.हृ.चि.3/3-4) कण्ठकारी घृतं (अ.हृ.चि.3/59-63) अमृतप्राश घृतं (अ.हृ.चि.3/94-101) श्वादंष्ट्रादिघृतं (अ.हृ.चि.3/ 102 -105) मधुकादि घृतं (अ.हृ.चि.3/ 106-107) धात्र्यादि घृतं ( अ.हृ.चि.3/108-109) नागबला घृतं (अ.हृ.चि.3/120-125) अगस्त्य हरितकी (अ.हृ.चि .3/127-132) वसिष्ठ हरितकी ( अ.हृ.चि.3/133-141) चविकादि घृतं (अ.हृ.चि.3/ 159-161) कासमर्दादि घृतं (अ.हृ.चि.3/ 162-163) वृषादि घृतं (अ.हृ.चि.3/164) |
4 | श्वासहिध्मा चिकित्सा | तेजोवत्यादि घृतं (अ.हृ.चि.4/52-55) अर्धांश क्षार घृतं (अ.हृ.चि.4/55-56) |
5 | राजयक्ष्मा चिकित्सा | जीवन्त्यादि घृतं (अ.हृ.चि.5/16-17) खर्जुरादि घृतं (अ.हृ.चि.5/18) दशमूलादि घृतं (अ.हृ.चि5/19-20) क्षीरषट्पल घृतं (अ.हृ.चि.5/22-23) मांससर्पि (अ.हृ.चि.5/25-27) एलादि घृतं (अ.हृ.चि 5/28-32) |
8 | अर्शस् चिकित्सा | कासीसादि तैलं (अ.हृ.चि.8/) चाङ्गेरी घृतं(अ़.हृ.चि.8/77-79) कुटजावलेहम् (अ.हृ.चि.8/108-112) |
9 | अतीसार चिकित्सा | मूषक तैलम् (अ.हृ.चि.9/54) लाक्षादि घृतं (अ.हृ.चि.9/89) |
10 | ग्रहणी दोष चिकित्सा | पञ्चमूलादि घृतं (अ.हृ.चि.10/27-30) चन्दनादि घृतं (अ.हृ.चि.10/41-44) बिडादि क्षार घृतं (अ.हृ.चि.10/63-65) |
12 | प्रमेह चिकित्सा | धान्वन्तर घृतं (अ.हृ.चि.12/19-24) |
13 | विद्रधि चिकित्सा | त्रायमाणादि घृतं(अ.हृ.चि.13/13-15) द्राक्षादि घृतं(अ.हृ.चि.13/16-17) सुकुमार घृतं(अ.हृ.चि.13/41-43) |
14 | गुल्म चिकित्सा | हपुषादि घृतं (अ.हृ.चि.14/11-13) दादिक घृतं(अ.हृ.चि.14/13-21) लशूनादि घृतं (अ.हृ.चि.14/22-25) त्र्यूषणादि घृतं (अ.हृ.चि.14/21-22) हिङ्गुत्रिगुण घृतं(अ.हृ.चि.14/39) नीलिनी तैलम् (अ.हृ.चि.14/55-58) भल्लातक घृतं (अ.हृ.चि.14/80-83) मिश्रक स्नेह (अ.हृ.चि .14/89-91) |
15 | उदर चिकित्सा | रोहितक घृतं(अ.हृ.चि.15/93-95) |
16 | पाण्डुरोग चिकित्सा
| दाडिमादि घृतं (अ.हृ.चि.16/2-4)
|
19 | कुष्ठ चिकित्सा | तिक्तक घृतं(अ.हृ.चि.19/2-7) महातिक्तक घृतं (अ.हृ.चि.19/8-11) वज्रक घृतं(अ.हृ.चि.19/18) महावज्रक घृतं (अ.हृ.चि.19/19-20) वज्रकतैलम्(अ.हृ.चि.19/81-82) कटु तैलम् (अ.हृ.चि.19/84) |
21 | वातव्याधि चिकित्सा | तिल्वकादि घृतं (अ.हृ.चि.21/32-33) रास्नादि घृतं (अ.हृ.चि.21/57) पञ्चतिक्त गुग्गुलु घृतं (अ.हृ.चि.21/58-61) प्रसारिणी तैलम् (अ.हृ.चि.21/65-67) सहचरादि तैलम् (अ.हृ.चि.21/67-69) द्वीतीय सहचरादि तैलम् (अ.हृ.चि.21/70-73) बला तैलम् (अ.हृ.चि.21/73-81) |
22 | वातशोणितम् चिकित्सा | पिण्ड तैलम् (अ.हृ.चि.22/22) मधुयष्ट्यादि तैलम् (अ.हृ.चि.) सहस्रपाक तैलम् (अ.हृ.चि.) |
Caraka: (a) Mṛdupāka (b) Madyama pāka (c) KharApka
Suśruta: (a) Mṛdupāka (b) Madhyama pāka (c) Khara pāka (d) Dagdha pāka
śāraṅgadhara: (a) Mṛdupāka (b) Madhyama pāka (c) Khara pāka (d)
Vāgbhaṭa :(a) Mṛdupāka (b) cikkaṇa pāka (c) Khara cikkaṇa pāka
Snehapākaṃ with respect to prāyogam
name of the kriyā | c.s | s.s | A.H | Sar.Sam |
Abhyaṅga | Khara
| Madhya
| Khara
| Madhya
|
pāna | madhya | Mṛdu | Cikkaṇa (madhya) | madhya |
Nasya | Mṛdu | Madhya | Mṛdu | mṛdu |
Vasti | madhya | Khara | Cikkaṇa | madhya |
karṇapūraṇa |
| khara |
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